कार्तिका पूर्णिमा एक हिंदू, सिख और जैन सांस्कृतिक त्यौहार है, पूर्णिमा दिवस या कार्तिक के पंद्रहवें चंद्र दिन पर मनाया जाता है। इसे त्रिपुरी पूर्णिमा और त्रिपुरी पूर्णिमा भी कहा जाता है। इसे कभी-कभी देव-दिवाली या देव-दीपावली कहा जाता है - देवताओं की रोशनी का त्यौहार
Kartik Purnima 2018: कार्तिक मास में आने वाली पूर्णिमा के दिन कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) मनाई जाती है. मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की खास पूजा और व्रत करने से घर में यश और कीर्ति की प्राप्ति होती है. कार्तिक पूर्णिमा के दिन दीपदान (Deepdan) और गंगा स्नान का बेहद महत्व है. इस बार यह पूर्णिमा 23 नवंबर को है. इसी पूर्णिमा के दिन सिखों के पहले गुरु नानक जी का जन्म हुआ था, जिसे विश्वभर में गुरु नानक जयंती (Guru Nanak Jayanti) के नाम से मनाया जाता है. इस जयंती को गुरु पर्व (Guru Parv) और प्रकाश पर्व (Prakash Parv) भी कहते हैं.
कार्तिक पूर्णिमा पूजा-विधि (Kartik Purnima Puja-Vidhi)
1. सुबह उठकर ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करें.
2. अगर पास में गंगा नदी मौजूद है तो वहां स्नान करें.
3. सुबह के वक्त मिट्टी के दीपक में घी या तिल का तेल डालकर दीपदान करें.
4. भगवान विष्णु की पूजा करें.
5. श्री विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ करें या फिर भगवान विष्णु के इस मंत्र को पढ़ें.
'नमो स्तवन अनंताय सहस्त्र मूर्तये, सहस्त्रपादाक्षि शिरोरु बाहवे।
सहस्त्र नाम्ने पुरुषाय शाश्वते, सहस्त्रकोटि युग धारिणे नम:।।'
6. घर में हवन या पूजन करें.
7. घी, अन्न या खाने की कोई भी वस्तु दान करें.
8. शाम के समय भी मंदिर में दीपदान करें.
कार्तिक पूर्णिमा का महत्व (Kartik Purnima Importance)
कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा (Tripura Purnima) और गंगा स्नान की पूर्णिमा (Ganga Snan Purnima) भी कहते हैं. मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव ने राक्षस त्रिपुरासुर का वध किया था. इसी वजह से इसे त्रिपुरी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. इसी के साथ कार्तिक पूर्णिमा की शाम भगवान विष्णु का मत्स्य अवतार उत्पन्न हुआ था. साथ ही कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करना बेहद शुभ माना जाता है. मान्यता है कि गंगा स्नान के बाद किनारे दीपदान करने से दस यज्ञों के बराबर पुण्य मिलता है.
कार्तिक पूर्णिमा एवं देव दीपावली के अवसर पर आप सभी को शुभकामनायें। भगवान विष्णु आपके जीवन में समृद्धि और कीर्ति की वृद्धि करें, ऐसी मेरी मंगलकामना है।
'नमो स्तवन अनंताय सहस्त्र मूर्तये, सहस्त्रपादाक्षि शिरोरु बाहवे।
सहस्त्र नाम्ने पुरुषाय शाश्वते, सहस्त्रकोटि युग धारिणे नम:।।'
Comments
Post a Comment