Skip to main content

ये हैं भगवदगीता के 10 सबसे लोकप्रिय श्लोक, जिनमें समाहित हैं गूढ़ जीवन-दर्शन(Must read all these for developing mastery in knowledge)

ये हैं भगवदगीता के 10 सबसे लोकप्रिय श्लोक, जिनमें समाहित हैं गूढ़ जीवन-दर्शन



श्रीमद्भगवद्गीता दुनिया के वैसे श्रेष्ठ ग्रंथों में है, जो न केवल सबसे ज्यादा पढ़ी जाती है, बल्कि कही और सुनी भी जाती है. कहते हैं जीवन के हर पहलू को गीता से जोड़कर व्याख्या की जा सकती है. भारत की सनातन संस्कृति में श्रीमद्भगवद्गीता न केवल पूज्य बल्कि अनुकरणीय भी है. कहते हैं, इस ग्रंथ में उल्लिखित उपदेश इसके 18 अध्यायों में लगभग 700 श्लोकों में हैं. प्रस्तुत है इस महान दार्शनिक ग्रंथ के कुछ चुनींदा श्लोक:
(1)
नैनं छिद्रन्ति शस्त्राणि नैनं दहति पावक: ।
न चैनं क्लेदयन्त्यापो न शोषयति मारुत ॥
(द्वितीय अध्याय, श्लोक 23)
इस श्लोक का अर्थ है: आत्मा को न शस्त्र  काट सकते हैं, न आग उसे जला सकती है। न पानी उसे भिगो सकता है, न हवा उसे सुखा सकती है। (यहां भगवान श्रीकृष्ण ने आत्मा के अजर-अमर और शाश्वत होने की बात की है।)
(2)
हतो वा प्राप्यसि स्वर्गम्, जित्वा वा भोक्ष्यसे महिम्।
तस्मात् उत्तिष्ठ कौन्तेय युद्धाय कृतनिश्चय:॥
(द्वितीय अध्याय, श्लोक 37)

इस श्लोक का अर्थ है: यदि तुम (अर्जुन) युद्ध में वीरगति को प्राप्त होते हो तो तुम्हें स्वर्ग मिलेगा और यदि विजयी होते हो तो धरती का सुख को भोगोगे... इसलिए उठो, हे कौन्तेय (अर्जुन), और निश्चय करके युद्ध करो। (यहां भगवान श्रीकृष्ण ने वर्तमान कर्म के परिणाम की चर्चा की है, तात्पर्य यह कि वर्तमान कर्म से श्रेयस्कर और कुछ नहीं है।)
(3)
यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत:।
अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्॥
(चतुर्थ अध्याय, श्लोक 7)
इस श्लोक का अर्थ है: हे भारत (अर्जुन), जब-जब धर्म ग्लानि यानी उसका लोप होता है और अधर्म में वृद्धि होती है, तब-तब मैं (श्रीकृष्ण) धर्म के अभ्युत्थान के लिए स्वयम् की रचना करता हूं अर्थात अवतार लेता हूं।
(4)
परित्राणाय साधूनाम् विनाशाय च दुष्कृताम्।
धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे-युगे॥
(चतुर्थ अध्याय, श्लोक 8)
इस श्लोक का अर्थ है: सज्जन पुरुषों के कल्याण के लिए और दुष्कर्मियों के विनाश के लिए... और धर्म की स्थापना के लिए मैं (श्रीकृष्ण) युगों-युगों से प्रत्येक युग में जन्म लेता आया हूं।

(5)
कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।
मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते सङ्गोऽस्त्वकर्मणि॥
(द्वितीय अध्याय, श्लोक 47)
इस श्लोक का अर्थ है: कर्म पर ही तुम्हारा अधिकार है, लेकिन कर्म के फलों में कभी नहीं... इसलिए कर्म को फल के लिए मत करो और न ही काम करने में तुम्हारी आसक्ति हो। (यह श्रीमद्भवद्गीता के सर्वाधिक महत्वपूर्ण श्लोकों में से एक है, जो कर्मयोग दर्शन का मूल आधार है।)
(6)
ध्यायतो विषयान्पुंसः सङ्गस्तेषूपजायते।
सङ्गात्संजायते कामः कामात्क्रोधोऽभिजायते॥
(द्वितीय अध्याय, श्लोक 62)
इस श्लोक का अर्थ है: विषयों (वस्तुओं) के बारे में सोचते रहने से मनुष्य को उनसे आसक्ति हो जाती है। इससे उनमें कामना यानी इच्छा पैदा होती है और कामनाओं में विघ्न आने से क्रोध की उत्पत्ति होती है। (यहां भगवान श्रीकृष्ण ने विषयासक्ति के दुष्परिणाम के बारे में बताया है।)
(7)
क्रोधाद्भवति संमोह: संमोहात्स्मृतिविभ्रम:।
स्मृतिभ्रंशाद्बुद्धिनाशो बुद्धिनाशात्प्रणश्यति॥
(द्वितीय अध्याय, श्लोक 63)
इस श्लोक का अर्थ है: क्रोध से मनुष्य की मति मारी जाती है यानी मूढ़ हो जाती है जिससे स्मृति भ्रमित हो जाती है। स्मृति-भ्रम हो जाने से मनुष्य की बुद्धि नष्ट हो जाती है और बुद्धि का नाश हो जाने पर मनुष्य खुद अपना ही का नाश कर बैठता है।
(8)
यद्यदाचरति श्रेष्ठस्तत्तदेवेतरो जन:।
स यत्प्रमाणं कुरुते लोकस्तदनुवर्तते॥
(तृतीय अध्याय, श्लोक 21)
इस श्लोक का अर्थ है: श्रेष्ठ पुरुष जो-जो आचरण यानी जो-जो काम करते हैं, दूसरे मनुष्य (आम इंसान) भी वैसा ही आचरण, वैसा ही काम करते हैं। वह (श्रेष्ठ पुरुष) जो प्रमाण या उदाहरण प्रस्तुत करता है, समस्त मानव-समुदाय उसी का अनुसरण करने लग जाते हैं।
(9)
श्रद्धावान्ल्लभते ज्ञानं तत्पर: संयतेन्द्रिय:।
ज्ञानं लब्ध्वा परां शान्तिमचिरेणाधिगच्छति॥
(चतुर्थ अध्याय, श्लोक 39)
इस श्लोक का अर्थ है: श्रद्धा रखने वाले मनुष्य, अपनी इन्द्रियों पर संयम रखने वाले मनुष्य, साधनपारायण हो अपनी तत्परता से ज्ञान प्राप्त कते हैं, फिर ज्ञान मिल जाने पर जल्द ही परम-शान्ति (भगवत्प्राप्तिरूप परम शान्ति) को प्राप्त होते हैं।
(10)
सर्वधर्मान्परित्यज्य मामेकं शरणं व्रज।
अहं त्वां सर्वपापेभ्यो मोक्षयिष्यामि मा शुच:॥
(अठारहवां अध्याय, श्लोक 66)

इस श्लोक का अर्थ है: (हे अर्जुन) सभी धर्मों को त्याग कर अर्थात हर आश्रय को त्याग कर केवल मेरी शरण में आओ, मैं (श्रीकृष्ण) तुम्हें सभी पापों से मुक्ति दिला दूंगा, इसलिए शोक मत करो।

Comments

  1. कहा जाता है इस जीवन का मुख्य लक्ष्यहै भगवत्प्राप्ति! यदि अन्वेषण कर भगवत्प्राप्ति के सबसे सरल साधन कहीं खोजे जाए तो उनमें से प्रथम साधन होगा भगवद्गीता । स्वयम भगवान ने 18 वें अध्यय के 67 ,68 श्लोक में कहा है य इमं ..न च तस्मान् ... यदि वेदान्त की दृष्टि से देखे तो इससे बढ़कर कुछ होही नही सकता ।
    भगवद्गीता का वाचन भगवान द्वारा 5000 वर्ष पूर्व किया गया किन्तु आज भी जीवन की सभी समस्यायों के समाधान इसमे प्रत्यक्ष प्राप्त होते है शायद यह भी कारण है कि गांधीजी और कई संतो ने इसे गीता माँ कहा है। विश्वभर में भगवद्गीता की 3000 से भी अधिक टीकाएँ लिखी जा चुकी है यह संख्या संसार के किसी भी अन्य ग्रंथ की टीकाओं की संख्या में सबसे अधिक है और विशेष बात तो यह है कि हर बार हमारा विज्ञ समाज इसमे कुछ न कुछ अपूर्व बात खोज ही लेता है।
    अनन्त ज्ञान धारिणी गीता न किसी सिद्धांत का प्रतिपादन करती है न ही खंडन बल्कि सभी प्रकार के सिद्धांतों और प्रवृत्तियों को आश्रय देती है। सांसारिक पदार्थो हेतु भगवान को भजने वालों को अथवा भूत प्रेतों को भजने वालों को यहाँ तक कि पूरे संसार के सबसे पापी मनुष्य की भी यहाँ भगवान ने निंदा नही की बल्कि आश्रय दिया।अपि चेदसि पापेभ्यः *सर्वेभ्यः पापकृत्तमः*...
    मुझ स्वयं को भी यदि अपने जीवन में किसी बात का गर्व है तो वह है भगवद्गीता पढ़ने का अवसर! यही एकमात्र कारण है जिसके कारण मैं आज चिन्मय विश्विद्यापीठ में मैं वेदान्त का अध्ययन कर रही हूँ जिसे गीता पर न्यायालय में हाथ कर कर शपथ ली जाती है इतना ही ज्ञान था आज यहाँ गीता पर शांकरभाष्य पढ़ने को उद्यत हुई हूँ। गीता की महिमा का कहीं अन्त है
    केवल श्रद्धा के साथ जो इसका थोड़ा भी चिंतन करता है उसका परम् कल्याण निश्चित है।
    धन्यवाद!
    अंततः गीता पढ़ें ,पढायें, जीवन मे लाएं!!🌷

    ReplyDelete
    Replies
    1. वास्तव में शानदार व्याख्या और ज्ञान जो भगवद गीता के प्रति आपकी क्षमता और समझ को दर्शाता है

      Delete
  2. Very well explained awesome !!!

    In my opinion Gita is way of life and has answer to every problem we face

    ReplyDelete

Post a Comment

Popular posts from this blog

सातवें आसमान पर चलना, चल सितारों के जाल पर चलना (Saatvein aasmaan per chalna | Kumar Vishwas | Jashn e rekhta | Wo shayar Badnaam)

Saatvein aasmaan per chalna | Kumar Vishwas | Jashn e rekhta | Wo shayar Badnaam गीत सुनिए, आज पहली बार गा रहा हूं, आपको अच्छा लगा तो ही पूरी दुनिया में गाऊंगा।  सातवें आसमान पर चलना, चल सितारों के जाल पर चलना दिल बिना देवता की काशी है (काशी में शिव हटा दो तो केवल शव रह जाता है), जिसमें हर घाट पर उदासी है  कुछ है चटका हुआ सा मुझमें भी, तू भी कितने जन्म से प्यासी है मेरे अश्कों के ताल पर चलना, सातवें आसमान पर चलना...  जब किसी के आंगन में पुरुषार्थ, विजय, सत्ता, शक्ति, धन, ऐश्वर्य और सामर्थ्य उतारता है, तो घर में बेटे को भेजता है, और जब त्याग, तपस्या, माया, ममता, प्रेम उतराता है तो बेटियों को उतारता है, सुनिए...  यूं रिवायत की आग में जलकर, बंदिशों वाले गांव में पलकर  तूने अनगिनत सितम उठाए हैं, रस्मों-दुनिया की राह पर चलकर  छोड़ अब दिल की चाल पर चलना, सातवें आसमान पर चलना...  तो जानेमन मैं तेरे नाम ये भोपाल लिखता हूं...

लोग कहते हैं मुझे प्यार सिखाना आये, कुमार विश्वास

लोग कहते हैं मुझे प्यार सिखाना आये, मैं जो गा दूँ तो वही सारा ज़माना गाये, फिर भी एक गीत है जो प्राणों में चुपचाप पड़ा, कई जन्मों से मेरे होंठो पे आना चाहे; आखिरी गीत वही मुझसे गवा दे सावन, इश्क बुझता है इसे कुछ तो हवा दे सावन; उसके पैर की एक पायल … उसके पैर की एक पायल ने ही सबको पागल बना रखा है खुदा का शुक्र है कि उसने दोनों पैरों में पायल नही पहनी उनकी ख़ैरो-ख़बर नहीं मिलती / कुमार विश्वास उनकी ख़ैरो-ख़बर नहीं मिलती हमको ही ख़ासकर नहीं मिलती शायरी को नज़र नहीं मिलती मुझको तू ही अगर नहीं मिलती रूह में, दिल में, जिस्म में दुनिया ढूंढता हूँ मगर नहीं मिलती लोग कहते हैं रूह बिकती है मैं जहाँ हूँ उधर नहीं मिलती " नहीं हम में कोई अनबन नहीं है , बस इतना है कि अब वो मन नही है ! मैं अपने आप को सुलझा रहा हूँ , तुम्हें लेकर कोई उलझन नहीं है...!"

25 Simple and Free SEO Tools to Instantly Improve Your Marketing [Updated for 2019](Digital Marketing)

25 Simple and Free SEO Tools To instantly Improve Your Marketing [Updated for 2019] 1.  Google PageSpeed Insights Check the speed and usability of your site on multiple devices Enter a URL, and this tool will test the loading time and performance for desktop and for mobile, plus identify opportunities to improve (and pat you on the back for what you’re doing well). The mobile results also come with a user experience score, grading areas like tap targets and font sizes. Alternatives:  Pingdom ,  WebPageTest , and  GTmetrix 2.  Moz Local Listing Score See how your local business looks online Moz crunches data from more than 10 different sources—including Google, Yelp, and Facebook—to score your brick-and-mortar business on  how it looks online . Results come complete with actionable fixes for inconsistent or incomplete listings. 3.  Keywordtool.io Hundreds of keyword ideas based on a single keyword Enter a keyword, and the Keyword Tool provides a huge